मेरा प्रिय त्योहार – दिवाली
मित्रों, आज हम "मेरा पसंदीदा त्योहार - दिवाली" इस सुंदर और आनंदमयी त्योहार का महत्व जानेंगे। दिवाली हमारे संस्कृति का एक अनमोल प्रतीक है।
दिवाली मेरा पसंदीदा त्योहार है। यह त्योहार केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में खुशी और धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली, यानी दीपों का त्योहार, जिसमें अंधकार पर प्रकाश और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। यह दीपों का त्योहार केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का नहीं है, बल्कि यह परिवार, दोस्तों और समाज के सभी लोगों को एकजुट करने वाला त्योहार है। दिवाली के आगमन से वातावरण खुशी से भर जाता है और हर किसी के मन में उत्साह की लहर दौड़ जाती है।
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| mera pasandida tyohar diwali |
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दिवाली का महत्व:
दिवाली एक प्राचीन त्योहार है, जो मुख्य रूप से भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने से जुड़ा हुआ है। रामायण के अनुसार, चौदह वर्षों के वनवास के बाद श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे, तब अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया। इस कारण दिवाली को प्रकाश का त्योहार माना जाता है।
दूसरी पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी का प्रकट होना भी दिवाली से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
दिवाली सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। यह खुशी, समृद्धि और नए आरंभ का त्योहार माना जाता है।
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दिवाली की तैयारी:
दिवाली के शुरू होने से कई हफ्ते पहले ही तैयारी शुरू हो जाती है। घरों, दुकानों और दफ्तरों की सफाई की जाती है। रंगोली, आकाशकंदील, दीप और सजावट से घर सजाए जाते हैं। बाजार भी पूरी तरह से भरे रहते हैं। लोग नए कपड़े, तोहफे और पटाखे खरीदते हैं।
घर-घर पारंपरिक मीठे पकवान जैसे लड्डू, करंजी, चकली, शंकरपाळे बनाए जाते हैं। इन मिठाइयों से त्योहार का आनंद दोगुना हो जाता है।
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दिवाली के पांच दिन:
दिवाली पांच दिन मनाई जाती है और हर दिन का एक अलग महत्व होता है:
1. धनतेरस:
इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लोग नए सामान, खासकर सोने-चांदी का खरीदारी करते हैं।
2. नरक चतुर्दशी:
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। इस दिन अभ्यंग स्नान और दीप जलाने की परंपरा है।
3. लक्ष्मी पूजन:
यह दिवाली का मुख्य दिन होता है। शाम को देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। घर दीपमालाओं से रोशन हो जाते हैं।
4. बली प्रतिपदा (पाडवा):
इस दिन बली राजा का सम्मान किया जाता है। नवविवाहित जोड़े के लिए यह दिन खास होता है।
5. भाऊबीज:
यह दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक होता है। बहनें भाई को तिलक करके उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
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दिवाली का सांस्कृतिक महत्व:
दिवाली केवल धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता का उत्सव है। लोग अपने घरों के दरवाजे खुले रखते हैं, एक-दूसरे को मिठाई और तोहफे देते हैं और शुभकामनाएं प्रकट करते हैं। इस त्योहार से परिवार और समाज के रिश्ते मजबूत होते हैं।
दिवाली एक और महत्वपूर्ण पहलू है, जो सांस्कृतिक परंपराओं को बनाए रखता है। दिवाली के मौके पर पटाखों का प्रदर्शन, मिठाइयों का आदान-प्रदान, और रंगीन सजावट अगले पीढ़ी को हमारे सांस्कृतिक धरोहर का एहसास कराती है।
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पर्यावरण-friendly दिवाली मनाने का महत्व:
दिवाली का त्योहार उत्साह से मनाते समय हमें पर्यावरण का भी ख्याल रखना चाहिए। पटाखों से वायु और ध्वनि प्रदूषण होता है, जो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसलिए, हमें पर्यावरण-friendly दिवाली मनानी चाहिए।
पटाखों के बजाय दीप और कंदिलों से घर सजाना चाहिए।
बायोडिग्रेडेबल सजावट का उपयोग करना चाहिए।
अनावश्यक बिजली बचाने के लिए LED लाइट्स का उपयोग करना चाहिए।
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मेरे जीवन में दिवाली का महत्व:
दिवाली मेरे जीवन में बहुत खास है। परिवार के साथ बिताए गए पल, मीठे पकवान बनाने का आनंद, और घर सजाने की खुशी मुझे हमेशा प्रिय रहती है। पटाखों की बजाय दीप जलाना मुझे ज्यादा सुखद और संतोषजनक लगता है।
स्कूल की छुट्टियों के कारण मैं दिवाली में खूब खेलता हूं, दोस्तों के साथ समय बिताता हूं और परिवार के साथ त्योहार मनाता हूं। इस त्योहार से मुझे अपने परिवार और दोस्तों के साथ बिताए गए समय का महत्व और ज्यादा समझ में आता है।
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दिवाली सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह जीवन में खुशी, शांति और सकारात्मकता लाने वाला है। यह त्योहार हमारे जीवन के अंधकार को दूर करके ज्ञान और प्रकाश का मार्ग दिखाता है। दिवाली का संदेश है कि हम सभी से प्रेम से पेश आएं, खुशी बांटें और प्रकृति की रक्षा करें।
मेरे लिए दिवाली एक ऐसा दिन है जब मैं परिवार, समाज और प्रकृति के साथ जुड़ता
हूं। इसलिए, मुझे दिवाली सबसे प्रिय त्योहार है।
आइए, हम सब "दिवाली मनाएं, पर्यावरण बचाएं!"

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